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Condom vending machine in university : भड़कीं महिला आयोग की अध्यक्ष, आपत्तिजनक टिप्पणी पर प्रोफेसर खान न्यायिक हिरासत में

प्रतिष्ठित अशोका यूनिवर्सिटी एक नए विवाद के केंद्र में आ गई है। विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में जेल भेज दिया गया है। इसी बीच, महिला आयोग की अध्यक्ष रेणु भाटिया ने यूनिवर्सिटी परिसर में कंडोम वेंडिंग मशीन की मौजूदगी को लेकर सनसनीखेज खुलासा किया है, जिससे विवाद और गहरा गया है।

प्रो. अली खान आपत्तिजनक टिप्पणी करने पर फंसे

हरियाणा के सोनीपत स्थित अशोका यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को दो दिन के पुलिस रिमांड के बाद मंगलवार को अदालत में पेश किया गया। पुलिस ने प्रोफेसर के सात दिन के अतिरिक्त रिमांड की मांग की थी, लेकिन अदालत ने पुलिस की मांग को खारिज कर उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। अब इस मामले की अगली सुनवाई 27 मई को होगी।
प्रोफेसर खान के खिलाफ राई थाना पुलिस ने दो अलग-अलग मामले दर्ज किए हैं। पहला मामला गांव जठेड़ी के सरपंच की शिकायत पर दर्ज हुआ है। दूसरा मामला हरियाणा महिला आयोग की अध्यक्ष रेणु भाटिया की शिकायत पर दर्ज किया गया है। इस शिकायत में सोशल मीडिया पर विवादित टिप्पणी और आयोग के नोटिस की अवहेलना का आरोप है। प्रोफेसर अली खान को दिल्ली के ग्रेटर कैलाश से 18 मई को गिरफ्तार किया गया था।

‘ऑपरेशन सिंदूर’ और सेना की महिला अधिकारियों पर टिप्पणी का आरोप

प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और भारतीय सेना की महिला कर्नल सोफिया कुरैशी तथा विंग कमांडर व्योमिका सिंह पर कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप है। ये टिप्पणियां सोशल मीडिया पर वायरल हुई थीं, जिसके बाद विवाद ने तूल पकड़ा। हरियाणा महिला आयोग की अध्यक्ष रेणु भाटिया ने इस मामले में कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने प्रोफेसर की टिप्पणियों को महिलाओं और भारतीय सेना के सम्मान के खिलाफ बताया। भाटिया ने कहा, प्रोफेसर ने कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह पर अपमानजनक टिप्पणी की, जो देश की बेटियों का अपमान है। अनुच्छेद 19 (अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता) हमें स्वतंत्रता देता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि कोई भी कुछ भी कह सकता है। उनके इस बयान ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और सम्मान के बीच की बहस को फिर से हवा दे दी है।

कंडोम वेंडिंग मशीन पर भड़कीं महिला आयोग अध्यक्ष

इस मामले में एक नया और सनसनीखेज मोड़ तब आया जब हरियाणा महिला आयोग की अध्यक्ष रेणु भाटिया ने अशोका यूनिवर्सिटी परिसर में कंडोम वेंडिंग मशीन होने का खुलासा किया। भाटिया ने इसे शर्मनाक बताते हुए यूनिवर्सिटी पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, “यूनिवर्सिटी में सैनेटरी पैड की मशीन होनी चाहिए, लेकिन कंडोम वेंडिंग मशीन लगी होना शर्मनाक है। भाटिया ने अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि 17 साल के बच्चे वहां पढ़ते हैं और ऐसी मशीनें “गलत संदेश” देती हैं। उन्होंने दावा किया कि उनके पास यूनिवर्सिटी की तरफ से लिखित में दी गई जानकारी है, जिसमें कंडोम मशीन की मौजूदगी की पुष्टि की गई है। हालांकि, यूनिवर्सिटी ने गर्भपात की गोलियों की मशीन होने से इनकार किया है। रेणु भाटिया ने इस मामले में यूनिवर्सिटी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी है, जिससे इस विवाद में एक नया आयाम जुड़ गया है।

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बनाम जिम्मेदारी

यह पूरा मामला अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की सीमाओं और सामाजिक जिम्मेदारी के बीच एक महत्वपूर्ण बहस छेड़ता है, जहां एक ओर संविधान नागरिकों को बोलने की स्वतंत्रता देता है, वहीं दूसरी ओर सार्वजनिक मंचों पर की गई टिप्पणियों के सामाजिक और नैतिक परिणाम होते हैं। खासकर जब टिप्पणी किसी शैक्षणिक संस्थान से जुड़े व्यक्ति द्वारा की गई हो, तो इसकी गंभीरता और बढ़ जाती है। सेना और महिलाओं के सम्मान से जुड़े संवेदनशील विषयों पर टिप्पणी को लेकर समाज में एक मजबूत प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है।

हुड्डा ने की कड़ी कार्रवाई की मांग, ‘गद्दारों को मिले सजा’

इस बीच, पाकिस्तान के लिए जासूसी के मामलों में हुई गिरफ्तारियों पर कांग्रेस नेता और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि ये बहुत गंभीर मामला है। इन मामलों की गहराई से जांच होनी चाहिए। हुड्डा ने जोर देकर कहा कि “जो दोषी है उसे कड़ी सजा मिलनी चाहिए और निर्दोष को बेवजह सजा न मिले, इसलिए इन मामलों की तह तक जांच होनी चाहिए, ताकि सही पता चले कि कौन हमारे देश के साथ गद्दारी कर रहा था। दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए। हालांकि, हुड्डा का बयान सीधे तौर पर प्रोफेसर अली खान मामले से जुड़ा नहीं है, लेकिन यह देशद्रोह और राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों पर एक व्यापक सार्वजनिक रोष को दर्शाता है, जिसके साथ प्रोफेसर के मामले को जोड़ा जा रहा है।

अशोका यूनिवर्सिटी अब इन दोनों विवादों के बीच फंसी हुई है – एक ओर अपने प्रोफेसर की विवादास्पद टिप्पणियां और दूसरी ओर परिसर में कंडोम वेंडिंग मशीन की मौजूदगी को लेकर उठे सवाल। इन मामलों का अंतिम परिणाम क्या होगा, यह तो समय ही बताएगा, लेकिन इतना तय है कि यह घटना अशोका यूनिवर्सिटी की प्रतिष्ठा पर एक बड़ा प्रश्नचिह्न लगा गई है।