यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा की गिरफ्तारी ने एक सनसनीखेज जासूसी कांड का पर्दाफाश किया है। पुलिस जांच में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है कि पाकिस्तान ज्योति को एक महत्वपूर्ण ‘एसेट’ के रूप में इस्तेमाल कर रहा था। हिसार के एसपी शशांक कुमार सावन ने बताया कि ज्योति पहलगाम में हुए आतंकी हमले से ठीक पहले पाकिस्तान में मौजूद थी और वह प्रायोजित यात्राओं पर नियमित रूप से वहां जाती थी।
खुफिया गठजोड़ और पाकिस्तान यात्राएं
जांच में यह भी पता चला है कि ज्योति के संपर्क पाकिस्तानी खुफिया अधिकारियों से थे। वह नियमित रूप से पाकिस्तान की यात्रा करती थी, जहाँ उसे ठहरने और घूमने की विशेष सुविधाएं मिलती थीं। यह भी संदेह है कि इन यात्राओं का उद्देश्य जासूसी गतिविधियों को अंजाम देना था।
‘जट रंधावा’ कोडवर्ड का रहस्य
एक चौंकाने वाले खुलासे में, पुलिस ने बताया कि ज्योति ने अपने मोबाइल फोन में एक संदिग्ध का नंबर ‘जट रंधावा’ के नाम से सेव कर रखा था, ताकि उसकी पहचान छिपी रहे। भारत लौटने के बाद भी वह सोशल मीडिया के माध्यम से लगातार उनके संपर्क में थी और गोपनीय सूचनाएं साझा करती थी।
गिरफ्तारी और आगे की जांच
इस मामले में पुलिस ने ज्योति के साथ पांच अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया है और उनसे पूछताछ जारी है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि ज्योति भारतीय सैन्य ठिकानों से जुड़ी संवेदनशील जानकारी पाकिस्तान भेज रही थी। पाकिस्तानी एजेंसियां सोशल मीडिया पर अपनी सकारात्मक छवि बनाने के लिए भी ज्योति का इस्तेमाल कर रही थीं।
परिवार का खंडन, राष्ट्रीय सुरक्षा पर सवाल
हालांकि, ज्योति के पिता हरीश मल्होत्रा ने अपनी बेटी को निर्दोष बताया है। उनका कहना है कि वह वैध वीजा पर पाकिस्तान गई थी और उसे फंसाया जा रहा है। पुलिस अब इस पूरे जासूसी नेटवर्क की गहराई से जांच कर रही है ताकि यह पता चल सके कि इसमें और कौन-कौन शामिल हैं और किन संवेदनशील सूचनाओं को साझा किया गया है। यह मामला अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और राष्ट्र की सुरक्षा के बीच एक गंभीर सवाल खड़ा करता है।