देश के लिए एक बड़ी खुशखबरी, सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जवान पूर्णम कुमार शॉ, जो गलती से बॉर्डर पार कर पाकिस्तान की गिरफ्त में आ गए थे, आखिरकार 21 दिन बाद वतन लौट आए हैं और ये वापसी ऐसे ही नहीं हुई, इसके पीछे है भारत का वो धांसू एक्शन, जिसने पाकिस्तान को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया।
बुधवार की सुबह पंजाब के अटारी-वाघा बॉर्डर पर वो लम्हा आया, जिसका पूरे देश को इंतजार था। पाकिस्तान ने हमारे जवान पूर्णम कुमार शॉ को BSF अफसरों को सौंप दिया। सुबह 10:30 बजे पाकिस्तान रेंजर्स ने शांतिपूर्ण तरीके से और पूरे प्रोटोकॉल के साथ हमारे जवान को सौंपा। BSF के स्पोक्सपर्सन ने इस पूरे ऑपरेशन को शांतिपूर्ण और नियमों के मुताबिक बताया है।
पंजाब के फिरोजपुर सेक्टर में इंटरनेशनल बॉर्डर (IB) को क्रॉस कर गए थे
अब जान लीजिए कि आखिर हमारे ये जवान बॉर्डर पार कैसे कर गए थे। दरअसल, 23 अप्रैल को पंजाब के फिरोजपुर सेक्टर में इंटरनेशनल बॉर्डर (IB) को क्रॉस कर गए थे। पूर्णम कुमार शॉ, जो 182वीं BSF बटालियन के कॉन्स्टेबल हैं, भारत-पाकिस्तान सीमा के पास एक खेत के पास ड्यूटी पर थे। रूटीन पेट्रोलिंग के दौरान, अनजाने में वो भारतीय सीमा की फेंसिंग पार कर पाकिस्तानी इलाके में चले गए, जहां उन्हें पाकिस्तान रेंजर्स ने पकड़ लिया था।
पूर्णम कुमार शॉ, जो असल में पश्चिम बंगाल के रिशरा के रहने वाले हैं, उनकी रिहाई के लिए उनकी पत्नी रजनी ने भी खूब कोशिशें की थीं। उन्होंने बंगाल की चीफ मिनिस्टर ममता बनर्जी से मुलाकात की और चंडीगढ़ जाकर BSF के बड़े अफसरों से भी गुहार लगाई थी।
BSF जवान पीके शॉ बॉर्डर के गेट पर तैनात थे
ये घटना तब हुई, जब BSF जवान पीके शॉ बॉर्डर के गेट पर तैनात थे। उस वक्त फसल कटाई का सीजन चल रहा था और वो इंडियन फार्मर्स पर नजर रख रहे थे, जिनकी सिक्योरिटी BSF करती है। तेज गर्मी में जब जवान एक पेड़ की छांव में खड़े होने की कोशिश कर रहे थे, तभी पाकिस्तान रेंजर्स ने उन्हें पकड़ लिया और उनकी सर्विस राइफल भी छीन ली। वो कुछ ही टाइम पहले इस एरिया में पोस्ट हुए थे।
जवान के गलती से बॉर्डर पार करने के बाद, BSF ने कई बार फ्लैग मीटिंग के लिए कॉल किया, लेकिन पाकिस्तान रेंजर्स की तरफ से कोई पॉजिटिव रिस्पांस नहीं मिल रहा था। पाकिस्तान जानबूझकर इस मामले को लटका रहा था। सूत्रों की मानें तो, इसके बाद BSF ने जवान की सेफ वापसी के लिए डिप्लोमेटिक चैनल्स का सहारा लिया।
पहले भी दोनों तरफ ऐसी सिचुएशन आई है
BSF के रिटायर्ड अफसरों का कहना है कि गलती से दूसरे देश की सीमा में चले जाना कोई बहुत बड़ा क्राइम नहीं है। पहले भी दोनों तरफ ऐसी सिचुएशन आई है और कई बार तो कुछ घंटों में, वो भी एक ही फ्लैग मीटिंग में मामला सुलझ गया है। लेकिन इस बार मामला इसलिए खिंच गया, क्योंकि पहलगाम में जो टेररिस्ट अटैक हुआ था, उसके बाद इंडिया ने पाकिस्तान के खिलाफ एकदम सख्त रुख अपनाया हुआ था। हालांकि, ये तो तय था कि पाकिस्तान को देर-सवेर हमारे जवान को वापस भेजना ही पड़ेगा। और जिस तरह से ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद इंडिया ने पाकिस्तान को धूल चटाई, उससे पाकिस्तान को मजबूर होकर हमारे जवान को छोड़ना पड़ा। ये है नए इंडिया का दम।