Direct impact of increased tension between India and Pakistan : भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव का सीधा असर उत्तराखंड के प्रमुख पर्यटन स्थल मसूरी पर देखने को मिल रहा है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद से देश के विभिन्न हिस्सों से आने वाले पर्यटकों ने अपनी पहले से कराई गई बुकिंग रद्द करना शुरू कर दिया है। इसका सबसे ज्यादा असर वीकेंड की बुकिंग पर पड़ा है, जिसमें लगभग 50 फीसदी तक की कमी दर्ज की गई है।
एडवांस बुकिंग रद्द, नई बुकिंग में भारी गिरावट
मसूरी के होटल व्यवसायी इस स्थिति से काफी चिंतित हैं। शहर के होटलों की लगभग 30 फीसदी एडवांस बुकिंग रद्द हो चुकी है। इसके अलावा, मई और जून के महीनों के लिए भी कोई नई बुकिंग नहीं आ रही है। आमतौर पर यह समय मसूरी में पर्यटकों की भारी भीड़ का होता है, लेकिन इस बार स्थिति बिल्कुल विपरीत है।
इन राज्यों के पर्यटकों ने रद्द की मसूरी यात्रा
मसूरी आने वाले पर्यटकों में पंजाब, गुजरात, दिल्ली, हरियाणा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों के लोग प्रमुख रूप से शामिल होते हैं। लेकिन मौजूदा तनाव के माहौल में इन सभी राज्यों के पर्यटकों ने अपनी मसूरी की यात्रा रद्द कर दी है। इससे स्थानीय पर्यटन उद्योग को भारी आर्थिक नुकसान होने की आशंका जताई जा रही है।
होटल व्यवसायी चिंतित, बुकिंग रद्द होने से नुकसान
कैंपटी रोड स्थित एक होटल के मालिक आशीष गोयल ने बताया कि उनके होटल में गुरुवार को आए कुछ पर्यटक वीकेंड तक रुकने वाले थे, लेकिन शुक्रवार को ही मसूरी छोड़कर चले गए। इसके अलावा, कुछ कपल्स ने भी अपनी चार दिनों की बुकिंग रद्द कर दी है। मुंबई से आने वाले पर्यटकों ने भी लगभग 15 फीसदी एडवांस बुकिंग कैंसिल कर दी है। मसूरी होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने बताया कि लगभग 30 फीसदी एडवांस बुकिंग रद्द हो चुकी है और नई बुकिंग बिल्कुल नहीं हो रही है, जिससे पर्यटन व्यवसाय को भारी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।
सुरक्षा को लेकर चिंतित अभिभावक, स्कूलों ने दिया विकल्प
भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए मसूरी के कई नामी स्कूलों ने भी एहतियात बरतना शुरू कर दिया है। सूत्रों के अनुसार, कुछ प्रतिष्ठित स्कूलों ने अभिभावकों को यह विकल्प दिया है कि यदि वे चाहें तो अपने बच्चों को घर ले जा सकते हैं। एक स्कूल के अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि वे लगातार स्थानीय प्रशासन के संपर्क में हैं और फिलहाल चिंता की कोई बात नहीं है, लेकिन अभिभावकों की बढ़ती चिंता को देखते हुए यह विकल्प दिया गया है।
एक अन्य स्कूल ने भी कहा कि यदि कोई अभिभावक बच्चों को लेकर ज्यादा परेशान हैं तो उन्हें बच्चों को घर ले जाने की अनुमति दी जाएगी। यह कदम अभिभावकों की सुरक्षा संबंधी चिंताओं को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।