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Yamunotri Dham पहुंचने वाले पहले CM बने धामी, PM Modi के नाम की पहली पूजा, तीर्थपुरोहितों और श्रद्धालुओं में खुशी की लहर

चारधाम यात्रा 2025 की भव्य शुरुआत उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक ऐतिहासिक पहल के साथ की। वे यमुनोत्री धाम के कपाटोद्घाटन के अवसर पर वहां पहुंचने वाले राज्य के पहले मुख्यमंत्री बन गए। इससे पहले केवल अविभाजित उत्तर प्रदेश के समय 1987 में तत्कालीन मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह इस कठिन धाम तक पहुंचे थे। धामी की मौजूदगी से तीर्थपुरोहित, स्थानीय जनता और श्रद्धालुओं में खासा उत्साह देखने को मिला।

पहली बार मुख्यमंत्री की मौजूदगी

उत्तराखंड राज्य बनने के बाद यमुनोत्री की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के चलते अब तक कोई भी मुख्यमंत्री यहां कपाट खुलने के अवसर पर नहीं पहुंचा था। लेकिन इस बार मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हेलिकॉप्टर से गरुड़गंगा के समीप बने हेलिपैड पर उतरकर करीब 500 मीटर पैदल चलकर मां यमुना के दर्शन किए। यह कदम प्रतीक बन गया है सरकार की गंभीरता और श्रद्धा का।

तीर्थपुरोहितों ने जताई खुशी

धामी के आगमन पर यमुनोत्री धाम में तीर्थ पुरोहितों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। लोगों ने उम्मीद जताई कि मुख्यमंत्री की व्यक्तिगत उपस्थिति से धाम की आधारभूत संरचना, सुरक्षा और सुविधाओं में अभूतपूर्व सुधार आएगा। पूर्व विधायक केदार सिंह रावत ने बताया कि जैसे 1987 में वीर बहादुर सिंह ने हनुमान चट्टी से 13 किमी पैदल यात्रा कर यहां पहुंचकर आंदोलन को समाप्त करवाया था, उसी तरह अब धामी जी के दौरे से विकास को नई दिशा मिल सकती है।

पीएम मोदी के नाम की गई पहली पूजा

मुख्यमंत्री ने इस शुभ अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से पहली पूजा की। ये क्षण श्रद्धा और राष्ट्रभक्ति का अद्वितीय संगम बन गया। गंगोत्री और यमुनोत्री दोनों धामों में मंत्रोच्चार और जयकारों के बीच कपाट खोले गए, जिससे पूरे क्षेत्र में भक्तिमय वातावरण बन गया।

श्रद्धालुओं का उमड़ा जनसैलाब

अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर गंगोत्री और यमुनोत्री दोनों धामों में हजारों श्रद्धालु पहुंचे। मां यमुना की डोली सुबह खरसाली गांव से रवाना हुई और पूर्वाह्न 11:55 बजे मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। वहीं, मां गंगा की डोली मंगलवार को गंगोत्री के लिए रवाना हुई थी और बुधवार को सुबह 10:30 बजे विधिवत रूप से मंदिर के कपाट खोले गए।

धामी की यात्रा से उमड़ी विकास की उम्मीद

मुख्यमंत्री की यह यात्रा केवल धार्मिक महत्व की नहीं, बल्कि राजनीतिक और प्रशासनिक दृष्टि से भी अहम मानी जा रही है। उन्होंने साफ संकेत दिए हैं कि यमुनोत्री धाम की सुरक्षा, पहुंच और संरचना को प्राथमिकता के आधार पर विकसित किया जाएगा। श्रद्धालुओं और तीर्थपुरोहितों की वर्षों पुरानी मांग अब पूरी होती दिख रही है। चारधाम यात्रा 2025 की यह शुरुआत कई मायनों में ऐतिहासिक बन गई है।

धामी सरकार की सक्रियता और श्रद्धा को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि इस बार का यात्रा सीजन न केवल सुरक्षित होगा, बल्कि श्रद्धालुओं के लिए ज्यादा सुविधाजनक और यादगार भी रहेगा। धार्मिक, सांस्कृतिक और विकासात्मक दृष्टिकोण से यह कदम उत्तराखंड के भविष्य के लिए मील का पत्थर साबित हो सकता है।