राजधानी कोलकाता के फालपट्टी मछुआ इलाके में मंगलवार रात एक होटल में लगी भीषण आग ने 15 जिंदगियों को लील लिया। इस दर्दनाक हादसे में 13 लोग घायल हो गए, जबकि 22 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। हादसे के बाद राहत और बचाव कार्य रात भर चला। आग पर काबू पा लिया गया है, लेकिन घटनास्थल पर अभी भी जांच और मलबा हटाने का काम जारी है।
घटना ऋतुराज होटल में रात लगभग 8:15 बजे घटी, जब अचानक चौथी मंजिल पर आग की लपटें उठती देखी गईं। शुरुआती जांच में आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है, जो होटल के बिजली मीटर बोर्ड में हुआ।
चीख-पुकार, भगदड़ और फिर चौंकाने वाले दृश्य
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आग लगते ही होटल के अंदर अफरा-तफरी मच गई। लोग जान बचाने के लिए खिड़कियों और छत से कूदते नजर आए। कई लोग धुएं से दम घुटने के कारण बेहोश हो गए। एक स्थानीय निवासी ने बताया कि कुछ लोगों को जले हुए कपड़ों के साथ बाहर आते देखा गया, जबकि कई अन्य को सीढ़ियों और खिड़कियों के रास्ते रेस्क्यू टीम ने बाहर निकाला।
फायर ब्रिगेड और पुलिस ने बचाई कई जानें
सूचना मिलते ही दमकल की कई गाड़ियां और पुलिस की टीमें मौके पर पहुंचीं। रातभर चले रेस्क्यू ऑपरेशन में आग बुझाने के साथ-साथ होटल में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने का प्रयास किया गया। अब तक 14 शव होटल से निकाले जा चुके हैं, जबकि एक घायल ने अस्पताल में दम तोड़ा। घायलों को स्थानीय अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जहां कुछ की हालत नाजुक बनी हुई है। पुलिस कमिश्नर मनोज वर्मा ने जानकारी दी कि मरने वालों में 12 पुरुष, 2 महिलाएं और एक बच्चा शामिल हैं। 8 मृतकों की पहचान कर ली गई है, जबकि शेष की पहचान की प्रक्रिया जारी है।
सरकार की ओर से जांच और मुआवजा
घटना की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार ने स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) गठित कर दी है, जो होटल के अग्नि सुरक्षा इंतजामों की जांच करेगी। प्रारंभिक जांच में यह भी सामने आया है कि होटल में आग से निपटने के पर्याप्त इंतजाम नहीं थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दुखद घटना पर गहरा शोक जताया है। पीएम ने ट्वीट कर कहा, “कोलकाता की होटल में आग की दुखद घटना से गहरा दुख हुआ है। मेरी संवेदनाएं मृतकों के परिवारों के साथ हैं और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं।” प्रधानमंत्री राहत कोष (PMNRF) से मृतकों के परिजनों को ₹2 लाख और घायलों को ₹50,000 की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की गई है।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं और सवाल
घटना पर पश्चिम बंगाल की राजनीति में भी प्रतिक्रियाएं तेज हो गई हैं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने राज्य सरकार से पूछा कि शहर के होटल और व्यावसायिक भवनों में सुरक्षा मानकों का कितना पालन हो रहा है। उन्होंने कहा ऐसी घटनाएं दिखाती हैं कि अग्नि सुरक्षा के नियम केवल कागजों में हैं। सरकार को जिम्मेदारों पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। वहीं, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष शुभंकर सरकार ने कहा, “यह पूरी तरह से लापरवाही का नतीजा है। होटल में कोई स्पष्ट सुरक्षा इंतजाम नहीं थे। सवाल यह है कि कोलकाता नगर निगम क्या कर रहा है?
आग लगने के कारणों पर उठे सवाल
फिलहाल, विशेषज्ञों की टीम बिजली व्यवस्था और होटल के अंदर की सुरक्षा व्यवस्थाओं की गहन जांच कर रही है। दमकल विभाग की रिपोर्ट में यह भी सामने आ सकता है कि होटल ने फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट के नियमों का पालन किया था या नहीं। यदि लापरवाही पाई जाती है, तो प्रबंधन के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा सकती है।