हरिद्वार नगर निगम क्षेत्र में मंगलवार सुबह एक दिल को छू लेने वाला दृश्य देखने को मिला, जब चाइनीज मांझे में फंसी एक पक्षी की जान बचाने के लिए करीब दो घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया। यह पक्षी ‘धनेश’ (Hornbill) प्रजाति की थी, जो एक पेड़ पर उलझी हुई पाई गई। घटना के बाद पूरे इलाके में इंसानियत और पशु-पक्षियों के प्रति संवेदनशीलता की मिसाल देखने को मिली।
यह घटना उस समय सामने आई जब हरिद्वार निवासी दीपक जखमोला अपने बच्चों को स्कूटी से स्कूल छोड़ने जा रहे थे। रास्ते में बच्चों की नजर नगर निगम के मुख्य द्वार से कुछ दूरी पर एक पेड़ पर उलझी चिड़िया पर पड़ी, जो चाइनीज मांझे में फंसी हुई थी और फड़फड़ा रही थी।
बच्चों की संवेदनशीलता से शुरू हुई राहत की कोशिश
बच्चों ने अपने पिता से अनुरोध किया कि इस चिड़िया को बचाना चाहिए। दीपक ने बच्चों को स्कूल छोड़ने के बाद तुरंत हरिद्वार फायर ब्रिगेड स्टेशन का रुख किया और वहां मौजूद कर्मचारियों से मदद मांगी। फायर ब्रिगेड ने इस पर तुरंत कार्रवाई की और एक टीम मौके पर भेज दी। टीम में राहुल शर्मा, नरेंद्र तोमर, सुमित और मातबर सिंह जैसे फायर कर्मी शामिल थे। ये सभी जरूरी उपकरणों के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया।
20 फुट ऊंचे पेड़ से शुरू हुआ अभियान
पक्षी लगभग 20-25 फुट ऊंचे पेड़ की शाखा में फंसी हुई थी। फायर ब्रिगेड कर्मी सीढ़ियों की मदद से पेड़ पर चढ़े और सावधानीपूर्वक मांझा काटकर चिड़िया को छुड़ाने की कोशिश की। लेकिन चिड़िया के पंख में मांझा इतनी बुरी तरह फंसा हुआ था कि जैसे ही उसे छुड़ाया गया, वह उड़कर थोड़ी दूर एक और पेड़ की शाखा में फिर से अटक गई। इस बार स्थिति और जटिल हो गई, क्योंकि नई जगह पर पहुंचना आसान नहीं था।
नगर निगम की टीम ने दी दूसरी बार जिंदगी
उसी समय एक राहगीर ने पास ही स्थित नगर निगम गैराज में जाकर घटना की जानकारी दी। गैराज प्रभारी आदित्य तेश्वर ने तत्परता दिखाते हुए स्ट्रीट लाइट सुधारने वाले वाहन को मौके पर भेजा। इस वाहन की मदद से ऊपर तक पहुंचना संभव हुआ और अंततः चिड़िया को सुरक्षित मांझे से आज़ाद कर दिया गया।
सोशल मीडिया में वायरल हुआ वीडियो
पक्षी को बचाने की इस पूरी घटना का वीडियो मौके पर मौजूद लोगों ने रिकॉर्ड किया, जो अब सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। लोगों ने फायर ब्रिगेड, नगर निगम और दीपक जखमोला की सराहना की है, जिनकी तत्परता और संवेदनशीलता से एक मासूम जान बच सकी।
चाइनीज मांझे पर उठे सवाल
यह घटना एक बार फिर इस बात को उजागर करती है कि चाइनीज मांझा केवल इंसानों के लिए ही नहीं, बल्कि बेजुबान पक्षियों के लिए भी जानलेवा साबित हो रहा है। यह मांझा नायलॉन और कांच की परत से बना होता है, जो न केवल परों को घायल करता है बल्कि फंसने पर पक्षियों की जान भी ले सकता है। उत्तराखंड सहित कई राज्यों में चाइनीज मांझे पर प्रतिबंध है, बावजूद इसके यह खुलेआम बाजार में बिक रहा है। स्थानीय प्रशासन और वन विभाग को इस दिशा में कड़े कदम उठाने की जरूरत है।
हरिद्वार की यह घटना हमें यह सिखाती है कि समाज में अब भी संवेदनशीलता और इंसानियत जिंदा है। एक व्यक्ति और उसके बच्चों की छोटी-सी पहल ने एक पक्षी की जान बचा ली। वहीं, फायर ब्रिगेड और नगर निगम की सक्रियता ने यह साबित किया कि अगर सभी मिलकर काम करें तो किसी भी जीवन को बचाया जा सकता है।