जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले के बाद उत्तराखंड सरकार ने चारधाम यात्रा के दौरान सुरक्षा के मोर्चे पर सख्ती बरतनी शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं –चारधाम यात्रा मार्ग पर यदि कोई व्यक्ति संदिग्ध नजर आए तो उसे तुरंत हिरासत में लिया जाए। यह निर्देश सुरक्षा व्यवस्था को और सुदृढ़ करने की रणनीति का हिस्सा है, जिससे यात्रा के दौरान किसी भी संभावित खतरे को टाला जा सके।
यात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरि
मुख्यमंत्री ने साफ कर दिया कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि को नजरअंदाज नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यात्रा मार्गों पर सुरक्षा बलों की तैनाती को और मजबूत किया जाए तथा स्थानीय लोगों और यात्रियों को भी जागरूक किया जाए, ताकि वे किसी भी असामान्य गतिविधि की सूचना तुरंत दे सकें।
टोल-फ्री हेल्पलाइन जल्द
सीएम धामी ने अधिकारियों को एक टोल-फ्री नंबर जारी करने के निर्देश दिए हैं, जिस पर आम जनता संदिग्ध व्यक्तियों या गतिविधियों की सूचना दे सके। उन्होंने कहा कि जनता की भागीदारी के बिना सुरक्षा को पुख्ता नहीं किया जा सकता, इसलिए सभी को सजग रहना होगा।
पाकिस्तानी नागरिकों की पहचान और वापसी के आदेश
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों की पहचान कर उन्हें तत्काल प्रभाव से वापस भेजने के भी निर्देश दिए हैं। साथ ही सभी जिलों में चल रहे सत्यापन अभियान को और तेज करने को कहा गया है। इसके तहत किरायेदारों, बाहरी मजदूरों और अस्थायी निवासियों की पहचान की जा रही है।
फर्जी दस्तावेज वालों पर शिकंजा
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि जो लोग फर्जी दस्तावेजों के जरिए सरकारी योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं, उन्हें तत्काल चिह्नित कर कठोर कार्रवाई की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि जिन मकान मालिकों ने अपने किरायेदारों का सत्यापन नहीं कराया है, उन पर जुर्माना और अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
सुरक्षा बैठक में हुए बड़े फैसले
इस अहम सुरक्षा बैठक में प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, डीजीपी दीपम सेठ, गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडेय और अन्य शीर्ष अधिकारी शामिल रहे। इसमें चारधाम यात्रा की सुरक्षा, यात्री सुविधाओं और कानून-व्यवस्था को लेकर विस्तृत चर्चा की गई।
सुरक्षा के मामले में कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी
चारधाम यात्रा जैसे विशाल धार्मिक आयोजन को सुरक्षित और व्यवस्थित बनाए रखना राज्य सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता है। सीएम धामी के निर्देश और प्रशासन की सख्ती इस बात का संकेत हैं कि इस बार यात्रा सुरक्षा के मामले में कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी। संदिग्ध दिखे तो चुप न रहें – नंबर मिलते ही तुरंत दें जानकारी, क्योंकि सतर्क नागरिक ही मजबूत उत्तराखंड की नींव हैं।