old age pension : हरियाणा सरकार की एक अनोखी और प्रेरणादायक पहल एक बार फिर चर्चा में है। ‘प्राण वायु देवता पेंशन योजना’ के तहत राज्य के 75 साल या उससे अधिक पुराने पेड़ों को पेंशन देने की प्रक्रिया फिर से शुरू कर दी गई है। इसका मकसद पुराने पेड़ों को संरक्षित करना और उनके रखरखाव के लिए वित्तीय मदद प्रदान करना है।
2023 में शुरू हुई इस योजना के तहत पहले ही 3,819 पेड़ों को चयनित कर उन्हें पेंशन दी जा रही है, और अब साल 2025-26 के बजट में इस योजना को और विस्तार देने की घोषणा की गई है।
30 जून तक करें आवेदन, फिर नहीं मिलेगा मौका
राज्यभर में ऐसे लोग जिनकी जमीन पर 75 साल से अधिक उम्र के पेड़ मौजूद हैं, वे इस योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदन कर सकते हैं। आवेदन लेने और जमा कराने का काम वन रेंज ऑफिसर व वन मंडल अधिकारी के कार्यालयों में किया जा रहा है।
आवेदन की अंतिम तिथि: 30 जून 2025, शाम 5 बजे तक
आवेदन जमा होने के बाद: सभी आवेदनों पर निर्णय जिला स्तरीय कमेटी द्वारा लिया जाएगा। देर से जमा हुए आवेदन खारिज कर दिए जाएंगे।
3,000 रुपये सालाना पेंशन – किसे मिलेगी ये राशि
सरकार ने इस योजना में पेंशन राशि को संशोधित करते हुए 3,000 रुपये प्रति वर्ष कर दिया है। यह राशि उस भू-स्वामी या संस्था को दी जाएगी, जिसकी जमीन पर यह वृक्ष स्थित है। इस राशि का उपयोग पेड़ की देखभाल, सुरक्षा, पानी, खाद और अन्य जरूरी सेवाओं में किया जाएगा। खास बात यह है कि ये राशि भी बुजुर्ग पेंशन की तरह समय-समय पर बढ़ाई जाएगी।
पानीपत में अब तक 58 पेड़ चयनित, कई और होंगे शामिल
पानीपत जिले में अब तक 58 पुराने वृक्ष इस योजना में चयनित किए जा चुके हैं, जिनमें 17 पेड़ समालखा रेंज से हैं। वर्ष 2021 में इस योजना के पायलट रूप में जिले में 75 पेड़ों को चुना गया था, जिनके मालिकों को 2750 रुपये प्रति वर्ष की पेंशन दी जा रही है। अब नए आवेदन आने के बाद इनकी संख्या और बढ़ने की उम्मीद है।
चयन प्रक्रिया और प्राथमिकता वाले पेड़
वन रेंज अधिकारी बिजेंद्र कुमार के मुताबिक, पेड़ों के चयन के लिए एक विशेष कमेटी गठित की गई है:
चेयरमैन: डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर
सदस्य: डीसी पानीपत, पंचायत या नगर निकाय के प्रतिनिधि, हरियाणा स्टेट बायोडायवर्सिटी बोर्ड के मेंबर
मेंबर सेक्रेटरी: संबंधित वन रेंज अधिकारी
कमेटी पीपल, बरगद, आम, जाल, जामुन, नींबू, बूलर, पिलखन आदि जैसे परंपरागत और छायादार पेड़ों को प्राथमिकता दे रही है।
ऐसे करें आवेदन
अगर किसी व्यक्ति के खेत, घर या संस्थान की भूमि पर 75 वर्ष या उससे पुराने पेड़ मौजूद हैं, तो वह वन विभाग को सूचना देकर उसका निरीक्षण करवाकर पेंशन के लिए पात्र बन सकता है।
जरूरी दस्तावेज
भूमि स्वामित्व के कागजात, पेड़ की संभावित आयु का प्रमाण या शपथ पत्र, पहचान पत्र (आधार/वोटर आईडी), पेड़ की फोटो
पर्यावरण संरक्षण की दिशा में क्रांतिकारी कदम
यह योजना सिर्फ पेंशन देने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हरियाणा सरकार का हरियाली को सहेजने की दिशा में एक मजबूत कदम है। वर्तमान में जहां पेड़ों की अंधाधुंध कटाई हो रही है, वहीं राज्य सरकार उन्हें सम्मान देने और ‘परिवार का हिस्सा’ मानने का संदेश दे रही है।