उत्तराखंड में पुलिसिंग को लेकर राज्य सरकार ने ऐतिहासिक कदम उठाया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर प्रदेश के 58 पुलिस थानों को कोतवाली में अपग्रेड कर दिया गया है। इससे न सिर्फ पुलिसिंग मजबूत होगी, बल्कि अपराध नियंत्रण, साइबर क्राइम की जांच, पर्यटन स्थलों की सुरक्षा और आमजन की शिकायतों पर बेहतर कार्रवाई भी संभव हो सकेगी।
गृह विभाग की ओर से इस बाबत आधिकारिक आदेश जारी कर दिए गए हैं। अब इन थानों के प्रमुख यानी थानाध्यक्ष के पद को दरोगा से बढ़ाकर इंस्पेक्टर के पद पर कर दिया गया है। इसका मतलब यह हुआ कि 58 दरोगाओं को प्रमोशन देकर अब निरीक्षक (Inspector) बनाया जाएगा।
क्या है बदलाव का मकसद
सरकार के अनुसार, यह निर्णय भारतीय न्याय संहिता (BNS), आने वाले नए कानूनों और आपराधिक प्रक्रियाओं के बेहतर संचालन के मद्देनज़र लिया गया है। साथ ही पर्यटन स्थलों पर बढ़ते पर्यटकों के चलते वहां की सुरक्षा को और चुस्त-दुरुस्त करने का इरादा भी है। उत्तराखंड एक पहाड़ी और पर्यटन प्रधान राज्य है, जहां अपराध नियंत्रण के साथ-साथ पुलिस बल को नए जमाने की तकनीक और जिम्मेदारी के साथ जोड़ने की जरूरत महसूस की जा रही थी। इसी को ध्यान में रखते हुए ये बड़ा फैसला लिया गया।
इन जिलों के थाने अपग्रेड हुए कोतवाली में:
देहरादून: नेहरू कॉलोनी, रायपुर, राजपुर, रायवाला, सहसपुर, कालसी, प्रेमनगर, चकराता
हरिद्वार: श्यामपुर, कनखल, पथरी, बहादराबाद, भगवानपुर, झबरेड़ा, खानपुर, कलियर, सिडकुल
उत्तरकाशी: उत्तरकाशी, धरासू, बड़कोट, हर्षिल
टिहरी: चंबा, नरेंद्रनगर, देवप्रयाग, घनसाली, कैंपटी
चमोली: गोपेश्वर, गोविंदघाट, गैरसैंण
रुद्रप्रयाग: उखीमठ, गुप्तकाशी, अगस्त्यमुनि
पौड़ी: श्रीनगर (महिला थाना), लक्ष्मणझूला
नैनीताल: काठगोदाम, कालाढूंगी, तल्लीताल, भीमताल, मुक्तेश्वर, मुखानी, बनभूलपुरा
उधमसिंहनगर: कुंडा, गदरपुर, पंतनगर, नानकमत्ता, ट्रांजिट कैंप, आईटीआई
अल्मोड़ा: द्वाराहाट, सोमेश्वर, चौखुटिया, महिला थाना
बागेश्वर: बैजनाथ, कौसानी
पिथौरागढ़: बेरीनाग, झूलाघाट, मुनस्यारी, गंगोलीहाट
चंपावत: टनकपुर
प्रशासन का बयान
गृह विभाग के अनुसार, यह निर्णय फिलहाल नाम परिवर्तन के तौर पर लागू किया जा रहा है। यानी अभी केवल थानों को “कोतवाली” का दर्जा दिया गया है। इंस्पेक्टरों की नियुक्ति या पदोन्नति वरिष्ठता और रिक्तियों के आधार पर जिला पुलिस अधीक्षक करेंगे।
58 दरोगाओं को मिलेगा प्रमोशन
पुलिस मुख्यालय अब जल्द ही 58 दरोगाओं को इंस्पेक्टर के पद पर पदोन्नत करेगा। इस फैसले से पुलिसकर्मियों को करियर ग्रोथ का अवसर मिलेगा, वहीं जनता को बेहतर पुलिसिंग सुविधा भी मिल सकेगी।
उत्तराखंड सरकार के इस फैसले से स्पष्ट है कि राज्य अब कानून व्यवस्था को पहले से ज्यादा गंभीरता से ले रहा है। नए इंस्पेक्टरों की तैनाती, कोतवाली की शक्तियां और संसाधन निश्चित रूप से अपराध पर नकेल कसने में मदद करेंगे।