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हरिद्वार जेल में 15 कैदी HIV पॉजिटिव : अलग बैरकों में शिफ्ट, इलाज शुरू

उत्तराखंड के हरिद्वार से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। हरिद्वार जेल में जांच के दौरान 15 कैदी एचआईवी पॉजिटिव पाए गए हैं, जिससे जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया है। कैदियों की खून सैंपल की जांच के बाद यह पता चला कि इन कैदियों में एचआईवी संक्रमण पाया गया। इस पर जेल प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सभी एचआईवी पॉजिटिव कैदियों को अलग-अलग बैरकों में शिफ्ट कर दिया है। इसके साथ ही, उन्हें स्वास्थ्य विभाग द्वारा इलाज भी दिया जा रहा है।

एचआईवी पॉजिटिव कैदियों की अलग-अलग बैरकों में शिफ्टिंग

जेल प्रशासन ने एहतियातन एचआईवी पॉजिटिव कैदियों को एक ही बैरक में रखने के बजाय विभिन्न बैरकों में शिफ्ट कर दिया है ताकि संक्रमण के फैलने का खतरा कम किया जा सके। इसके अलावा, जेल परिसर में सुरक्षा और स्वास्थ्य संबंधी सतर्कता को भी बढ़ा दिया गया है। जेल प्रशासन के अनुसार, इन सभी कैदियों का इलाज उत्तराखंड के स्वास्थ्य विभाग की विशेषज्ञ टीम द्वारा किया जा रहा है। कैदियों के इलाज के साथ-साथ, उनका नियमित स्वास्थ्य परीक्षण भी किया जा रहा है ताकि उनका बेहतर इलाज सुनिश्चित किया जा सके।

स्वास्थ्य विभाग की सक्रियता और जागरूकता अभियान

जेल प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की ओर से एचआईवी पॉजिटिव कैदियों के इलाज और देखभाल के लिए विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, कैदियों को एचआईवी और अन्य संक्रामक बीमारियों के बारे में जागरूक भी किया जा रहा है, ताकि जेल के अंदर कोई भय का माहौल न बने। 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर, जेल परिसर में स्वास्थ्य कैंप का आयोजन किया गया था, जिसमें बीमार कैदियों के खून और अन्य जरूरी टेस्ट किए गए। इसी कैंप के दौरान 15 कैदी एचआईवी पॉजिटिव पाए गए थे।

एचआईवी पॉजिटिव कैदियों की स्थिति और इलाज

हरिद्वार जिला जेल में फिलहाल करीब 1000 से अधिक बंदी हैं, और एचआईवी पॉजिटिव पाए गए 15 कैदियों का इलाज किया जा रहा है। जेल प्रशासन के मुताबिक, इन कैदियों का एचआईवी संक्रमण जेल में आने से पहले ही हो चुका था। जेल प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम मिलकर इन कैदियों की नियमित मॉनिटरिंग कर रही है। इसके अलावा, एचआईवी और अन्य संक्रामक बीमारियों से बचाव के लिए विशेष उपाय किए जा रहे हैं।

हरिद्वार के मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. आरके सिंह ने बताया कि एचआईवी संक्रमण के मामले में जेल में विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसके साथ ही, एचआईवी, हैपेटाइटिस बी और अन्य संक्रामक बीमारियों की रोकथाम के लिए जेल में नियमित रूप से स्वास्थ्य परीक्षण और जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं।

उत्तराखंड में एचआईवी पॉजिटिव मामलों में वृद्धि

उत्तराखंड के कुछ जिलों में एचआईवी पॉजिटिव मामलों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। राज्य के चार प्रमुख जिलों – देहरादून, हरिद्वार, उधमसिंहनगर और नैनीताल – में सबसे ज्यादा एचआईवी पॉजिटिव मरीज सामने आए हैं। राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग की ओर से इन जिलों में एचआईवी की जांच और जागरूकता अभियानों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

कैदियों के इलाज के साथ-साथ व्यापक सावधानियां

एचआईवी पॉजिटिव कैदियों के इलाज के अलावा, जेल प्रशासन ने अन्य स्वास्थ्य संबंधी सावधानियों को भी ध्यान में रखा है। जेल में हर एक बंदी की स्वास्थ्य जांच समय-समय पर की जा रही है ताकि किसी भी प्रकार की संक्रामक बीमारी फैलने से बचा जा सके। इसके अलावा, कैदियों को सुरक्षित तरीके से चिकित्सा सेवाएं प्रदान की जा रही हैं और उन्हें मानसिक रूप से भी सहारा दिया जा रहा है ताकि उनका आत्मविश्वास बना रहे।

एचआईवी पॉजिटिव पाया जाना एक गंभीर मुद्दा

हरिद्वार जेल में 15 कैदियों का एचआईवी पॉजिटिव पाया जाना एक गंभीर मुद्दा है, लेकिन जेल प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की सक्रियता से इसे नियंत्रित किया जा रहा है। सभी एचआईवी पॉजिटिव कैदियों को अलग-अलग बैरकों में शिफ्ट कर दिया गया है और उनका इलाज किया जा रहा है। इसके साथ ही, कैदियों के स्वास्थ्य की लगातार निगरानी की जा रही है। उत्तराखंड के अन्य जिलों में भी एचआईवी संक्रमण के मामलों की संख्या में वृद्धि देखी जा रही है, लेकिन राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग इस पर प्रभावी कदम उठा रहे हैं। इस मामले ने जेलों में संक्रामक बीमारियों की रोकथाम के महत्व को उजागर किया है, जो न केवल बंदियों की सुरक्षा के लिए आवश्यक है, बल्कि जेल प्रशासन और समाज के लिए भी एक बड़ी जिम्मेदारी है।