उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित केदारनाथ घाटी के रुमसी गांव में शुक्रवार देर रात एक भीषण प्राकृतिक आपदा ने लोगों को दहला दिया। अचानक हुई भारी बारिश के बाद बादल फटने से गांव में भारी मलबा और पानी तेजी से फैल गया, जिससे कई घर, दुकानें और वाहन इसकी चपेट में आ गए। इस तबाही के दृश्य इतने भयावह थे कि पूरा गांव देखते ही देखते मलबे के ढेर में तब्दील हो गया। लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी पर एक झटके में कहर टूट पड़ा। प्रशासन को जैसे ही घटना की जानकारी मिली, राहत और बचाव कार्यों के लिए तुरंत टीम को रवाना किया गया।
केदारनाथ जाने वाले पैदल मार्ग पर गौरीकुंड के पास भारी भूस्खलन के कारण रास्ता पूरी तरह बंद हो गया है। इस वजह से तीर्थयात्रियों को सोनप्रयाग में रोक दिया गया है। प्रशासन और पुलिस मलबा हटाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं, लेकिन बारिश के कारण कार्य में बाधा आ रही है। जिला प्रशासन ने श्रद्धालुओं से मौसम की स्थिति को ध्यान में रखकर सतर्क रहने और यात्रा से पहले मार्गों की स्थिति की जानकारी लेने की अपील की है।
भारी बारिश से कई सड़कें ठप
भारी बारिश और लगातार हो रहे भूस्खलन के चलते रुद्रप्रयाग के कई प्रमुख मार्ग बंद हो गए हैं। स्थानीय लोग और यात्री दोनों ही असुविधा का सामना कर रहे हैं। ग्रामीण इलाकों में राहत सामग्री पहुंचाना भी चुनौती बन गया है। कई जगह बिजली और संचार व्यवस्था भी प्रभावित हुई है।
प्रशासन का राहत कार्य
प्रशासन ने राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) और राज्य आपदा मोचन बल (SDRF) की टीमें तैनात की हैं, जो प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं। जिला मजिस्ट्रेट ने बताया कि नुकसान का आकलन किया जा रहा है और प्रभावित लोगों को जल्द से जल्द मुआवजा प्रदान किया जाएगा। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश की चेतावनी दी है, जिसके चलते प्रशासन ने लोगों से नदी-नालों से दूर रहने और सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है।