उत्तराखंड के पौड़ी जिले के चौकाल से अल्मोड़ा जिले के सराईखेत तक 3 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण पिछले 32 साल से अधूरा पड़ा है। इस मामले को लेकर नैनीताल हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए लोक निर्माण विभाग (PWD) को चार महीने के भीतर सड़क निर्माण पूरा करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने इस देरी को गंभीरता से लिया और इसे जनता के हितों के साथ खिलवाड़ बताया। यह फैसला मुख्य न्यायाधीश गुहनाथन नरेंद्र और जस्टिस आलोक मेहरा की खंडपीठ ने एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान दिया।
क्या है मामला?
पौड़ी के चौकाल से अल्मोड़ा के सराईखेत तक 3 किलोमीटर लंबी सड़क का प्रस्ताव 1993 में बनाया गया था। यह सड़क स्थानीय लोगों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह क्षेत्र के गांवों को आपस में जोड़ती है और लोगों को बाजार, स्कूल, और अस्पताल तक पहुंचने में आसानी प्रदान करती है। लेकिन 32 साल बीत जाने के बावजूद यह सड़क आज तक पूरी नहीं हो पाई। इस देरी से परेशान होकर स्थानीय निवासी रमेश चंद्र ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी।
याचिका में कहा गया कि सड़क न बनने से क्षेत्र के लोग कई समस्याओं का सामना कर रहे हैं। बारिश के मौसम में रास्ता कीचड़ से भर जाता है, जिससे पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है। बच्चों को स्कूल जाने और मरीजों को अस्पताल पहुंचने में भारी दिक्कत होती है। याचिका में PWD पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए सड़क निर्माण जल्द पूरा करने की मांग की गई थी।
हाईकोर्ट का सख्त आदेश
हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के दौरान PWD की कार्यशैली पर नाराजगी जताई। कोर्ट ने कहा कि 32 साल में 3 किलोमीटर सड़क न बन पाना प्रशासन की नाकामी और उदासीनता को दर्शाता है। कोर्ट ने PWD को चार महीने के भीतर सड़क निर्माण पूरा करने का सख्त निर्देश दिया और कहा कि इस अवधि में किसी भी तरह की देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि PWD हर महीने सड़क निर्माण की प्रगति रिपोर्ट कोर्ट को सौंपे, ताकि काम की निगरानी की जा सके। साथ ही, कोर्ट ने स्थानीय प्रशासन को निर्देश दिए कि वे सड़क निर्माण में किसी भी तरह की बाधा को तुरंत हल करें।