उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2025 को लेकर एक महत्वपूर्ण अपडेट सामने आया है। नैनीताल हाईकोर्ट ने शुक्रवार को पंचायत चुनाव पर लगी रोक को हटा दिया है, जिससे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग को बड़ी राहत मिली है। यह फैसला राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को फिर से शुरू करने का रास्ता साफ करता है।
हाईकोर्ट का फैसला और रोक हटने की पृष्ठभूमि
23 जून 2025 को नैनीताल हाईकोर्ट ने पंचायत चुनाव की प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी। यह रोक आरक्षण नियमावली में अस्पष्टता और संवैधानिक प्रावधानों से संबंधित कुछ खामियों के कारण लगाई गई थी। इस रोक ने चुनाव की तैयारियों को अचानक रोक दिया था, जिससे नामांकन प्रक्रिया भी रुक गई थी।
27 जून को हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद रोक हटाने का आदेश दिया और राज्य सरकार को तीन सप्ताह के भीतर सभी संवैधानिक और प्रक्रियात्मक मुद्दों का जवाब देने का निर्देश दिया। कोर्ट के इस फैसले ने न केवल सरकार को राहत दी, बल्कि पंचायत चुनाव की प्रक्रिया को फिर से शुरू करने का मार्ग प्रशस्त किया।
सरकार ने हाईकोर्ट में दाखिल किया जवाब
सरकार ने कोर्ट में पंचायत चुनावों पर लगी रोक हटाने के लिये प्रार्थना पत्र दाखिल किया था. इस पत्र में कहा था कि जो रोक हाईकोर्ट ने लगाई है, उसको हटाया जाए. क्योंकि हाईकोर्ट ने 9 जून के चुनाव नियमावली का गजट पब्लिकेशन नहीं होने को आधार बनाकर रोक लगाई थी. मगर 14 जून को इसका गजट नोटिफिकेशन जारी हो गया था. वहीं आरक्षण मामले में हाईकोर्ट में सरकार ने कहा कि आरक्षण एकदम ठीक है अगर आरक्षण का रोस्टर पहला भी जारी किया है, तब भी अधिकांश सीटों के आरक्षण में बदलाव किया गया है.