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शीतकाल के लिए बंद हुए गंगोत्री धाम के कपाट, अब मुखबा में होंगे मां गंगा के दर्शन

उत्तराखंड के चारधाम यात्रा सीजन का समापन हो गया है। अन्नकूट पर्व के पावन अवसर पर बुधवार को सुबह 11.30 बजे गंगोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। इस भव्य समारोह में हजारों श्रद्धालु मौजूद थे, जिन्होंने मां गंगा की आरती उतारी और जयकारों से धाम को गुंजायमान कर दिया। अब अगले छह माह तक मां गंगा के दर्शन उत्तरकाशी जिले के मुखबा गांव में होंगे।

भव्य विदाई समारोह और डोली यात्रा

कपाट बंद करने से पूर्व देश-विदेश से आए तीर्थयात्रियों ने मां गंगा की उत्सव मूर्ति का विशेष अभिषेक पूजन किया। पूजा के बाद ‘हर-हर गंगे, जय मां गंगे’ के उद्घोषों के बीच उत्सव मूर्ति को डोली में विराजमान कर मुखबा के लिए प्रस्थान कराया गया। गंगोत्री विधायक सुरेश सिंह चौहान और तीर्थ पुरोहितों की अगुवाई में यह यात्रा लोक वाद्ययंत्रों व सेना के बैंड की धुनों पर रवाना हुई।

डोली यात्रा आज रात्रि चंडी देवी मंदिर मार्कण्डेय पुरी में रुकेगी। कल सुबह सोमेश्वर देवता की अगवानी में यह मुखबा पहुंचेगी, जहां उत्सव प्रतिमा को गंगा मंदिर में स्थापित किया जाएगा। मुखबा गांव में मां गंगा के स्वागत की तैयारियां जोरों पर हैं, और मंदिर को फूलों व दीपों से सजाया गया है।

यात्रा सीजन का शानदार प्रदर्शन

इस वर्ष के चारधाम यात्रा सीजन में गंगोत्री धाम में कुल 14 लाख 2 हजार 128 तीर्थयात्रियों ने दर्शन किए। भारी बर्फबारी और प्रतिकूल मौसम के बावजूद प्रशासन की मेहनत से यात्रा सुचारू रूप से चली। विधायक सुरेश चौहान ने श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं देते हुए शीतकालीन चारधाम यात्रा पर आने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “मां गंगा की कृपा से सभी भक्त सुरक्षित रहें।”

चारधाम यात्रा के अन्य धामों के कपाट भी जल्द बंद हो रहे हैं। मां यमुना और केदारनाथ धाम के द्वार भैया दूज (23 अक्टूबर) को बंद होंगे। मां यमुना की उत्सव मूर्ति खरसाली गांव में विराजेंगी, जबकि भगवान केदारनाथ की प्रतिमा उखीमठ में स्थानांतरित होगी। वहीं, बदरीनाथ धाम के कपाट 25 नवंबर को दोपहर में शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे।