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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का हल्द्वानी में भव्य स्वागत, तीन दिवसीय नैनीताल दौरे की शुरुआत

भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ आज अपने तीन दिवसीय उत्तराखंड दौरे के पहले दिन हल्द्वानी पहुंचे, जहां उनका भव्य स्वागत किया गया। हल्द्वानी के आर्मी हेलीपैड पर उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) गुरमीत सिंह, महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या, नैनीताल के सांसद अजय भट्ट और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने उपराष्ट्रपति का स्वागत किया। इस दौरान स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए, जिससे उनका आगमन सुचारू रूप से संपन्न हुआ।

दौरे का उद्देश्य और कार्यक्रम

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ 25 से 27 जून तक नैनीताल में रहेंगे, जहां वे कई महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। उनके दौरे का मुख्य आकर्षण कुमाऊं विश्वविद्यालय के स्वर्ण जयंती समारोह में भाग लेना है। 25 जून को उपराष्ट्रपति इस समारोह की अध्यक्षता करेंगे और विश्वविद्यालय के छात्रों और शिक्षकों को संबोधित करेंगे। इस अवसर पर वे शिक्षा के क्षेत्र में उत्तराखंड की उपलब्धियों और भविष्य की संभावनाओं पर अपने विचार साझा करेंगे।

इसके अलावा, उपराष्ट्रपति नैनीताल के राजभवन का दौरा करेंगे और स्थानीय प्रशासन के साथ विभिन्न विकास परियोजनाओं पर चर्चा करेंगे। उनके दौरे का उद्देश्य उत्तराखंड की सांस्कृतिक और शैक्षिक विरासत को बढ़ावा देना और क्षेत्र में चल रही विकास योजनाओं की समीक्षा करना है।

हल्द्वानी में स्वागत और सुरक्षा व्यवस्था

हल्द्वानी में उपराष्ट्रपति के आगमन के लिए व्यापक तैयारियां की गई थीं। आर्मी हेलीपैड पर उनके स्वागत के लिए राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति ने इस अवसर को और भी गरिमामय बना दिया। स्वागत समारोह में स्थानीय लोगों ने भी उत्साहपूर्वक भाग लिया, और पारंपरिक उत्तराखंडी संस्कृति की झलक पेश की गई।

सुरक्षा के दृष्टिकोण से, हल्द्वानी और नैनीताल में पुलिस ने व्यापक इंतजाम किए। कुमाऊं के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) के नेतृत्व में 1094 पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों की तैनाती की गई। इसके साथ ही, पांच कंपनी पीएसी (प्रांतीय सशस्त्र कांस्टेबुलरी) को भी सुरक्षा व्यवस्था में शामिल किया गया। हल्द्वानी से नैनीताल तक यातायात को नियंत्रित करने के लिए ट्रैफिक डायवर्जन लागू किया गया, ताकि उपराष्ट्रपति के काफिले को किसी भी असुविधा का सामना न करना पड़े।